आवदेन शुल्क - रुपया 100 /-
गुरुकुल-सत्र - रोग
या अस्वस्थता की जानकारी के आभाव में मानव अपनी खून पसीने की कमाई कुछ ही
घंटो या दिनों में गवा देता है अतः रोग, रोगी और पैथ के बारे में जानकारी
आवश्यक हैं।तभी हम अपनी सम्पति की रक्षा कर पाएंगे जिसे हम स्वास्थ लाभ के लिए गवा देते है। शिक्षा का प्रथम भाग अच्छर ज्ञान /परिचय है दूसरा पुस्तक ज्ञान है तीसरा प्रायोगिक ज्ञान है इस तरह शिक्षा के मुख्य तीन प्रकार है. रोजगार
के दो प्रकार है उद्यम और सेवा का क्षेत्र स्वतंत्र विचार वाले को उद्यमी
और परतंत्र विचारधारा वाले नौकरी करते हैं।
1- सामान्य विषय - हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान इत्यादि। 2- जीवनोपयोगी विषय - अर्थशास्त्र , नैतिकशास्त्र, मानवशास्त्र, प्राकृतचिकित्सा शास्त्र, मोक्षशास्त्र इत्यादि
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